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  • Niraj Kumar

शिक्षा का लक्ष्य: बच्चों का सर्वांगीण विकास


भारत की आत्मा गाँव में बसती है। यह कथन गाँधी जी ने युही नही कहा था बल्कि गाँवो में जीवंत संस्कृति, सभ्यता,मूल्य, अपनापन आदि मानवीय गरिमा को उच्च करने वाले कारको को देखकर कहा था। परंतु जब तक ग्रामीण अंचलों में मूल्य परक शिक्षा की समुचित व्यवस्था न हो तब तक व्यक्ति समाज में अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराने में असफल रहता है। कुछ ऐसे ही उद्देश्यों के साथ मालवीय स्टडी सर्कल शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को स्वयंसेवा के आधार पर ग्राम भुवालपुर में अपनी सेवायें प्रदान कर रहा है।

शिक्षा का लक्ष्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है। अतएव सरकार द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के आलोक में मालवीय स्टडी सर्कल ज्ञान को स्कूल के बाहर के जीवन से जोड़ने हेतु निम्न बिन्दुओ पर कार्य कर रहा है।


वर्ग सभा:: कक्षा प्रारम्भ होने से पूर्व प्रतिदिन वर्ग सभा का आयोजन होता है जिसमे प्रार्थना , सुविचार, मूल्य परक कहानी एवं विभिन्न प्रकार के प्रश्नोत्तरी होता है।

स्काउट और गाइड:: बच्चों के व्यवहारिक जीवन में नेतृत्व कौशल एवं समय प्रबंधन जैसे गुणों के विकास के लिए स्काउट और गाइड के एक -एक यूनिट का संचालन होता है।



व्याख्यान माला:: पाठ्यक्रम से इतर विभिन्न समकालीन मुद्दों, सामाजिक एवं शैक्षणिक मुद्दों से बच्चों को परिचित कराने एवं संवेदनशीलता के विकास हेतु विषय से संबंधित विशेषज्ञ को आमंत्रित कर प्रत्येक माह एक व्याख्यान का आयोजन किया जाता है।


मासिक जाँच:: विषयगत ज्ञान की जाँच के लिए मासिक जाँच परीक्षा होता है।


शिक्षक-अभिभावक बैठक :: बच्चों के पृष्टपोषण(feedback) एवं घर पर उनके व्यवहार कुशलता के वास्तविक स्थिति से परिचित एवं उनके मूल्यांकन हेतु नियमित अंतराल पर बैठक का आयोजन किया जाता है।



योग::स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। बच्चों को शारिरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने हेतु नियमित अंतराल पर योग एवं ध्यान सिखाकर इसके नियमित अभ्यास हेतु उन्हें प्रेरित किया जाता है।


आत्म रक्षा हेतु ::आत्म रक्षा शिविर का आयोजन |


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पुस्तकालय:: शिक्षा के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने एवं पुस्तकीय संसाधन की कमी को दूर करने हेतु ग्राम्य पुस्तकालय प्रारम्भ किया गया जिसमे कक्षागत पुस्तक, कहानी, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पुस्तक आदि विभिन्न तरह के पुस्तके उपलब्ध है।


G--20

उत्सुक एवं मेहनती 20 बच्चों के सर्वांगीण विकास - मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक विकास ,नेतृत्व कौशल, सामाजिक समायोजन- हेतु Genius -20 प्रारंभ किया गया जिसके अंतर्गत इन बच्चों को केंद्रित करते हुए निम्न गैर-शैक्षणिक कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया|

  • बच्चों को छः टोलियों(Group) में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक टोली का एक टोली नायक होता है। छः टोलियों का नेतृत्व करने के लिए दो team leader(एक लड़का+एक लड़की) बनाये जाते हैं। छः टोलियों को दो भागों में विभाजित करते हुए, प्रत्येक भाग को सहयोग एवं मार्गदर्शन हेतु दो प्रभारी शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं।

  • प्रत्येक दिन कक्षा के प्रारंभ में प्रार्थना के बाद वर्ग सभा का आयोजन जिसमे पूर्व निर्धारित विषयों पर बच्चे प्रश्न पूछते हैं या बोलते हैं।

  • तीन चुने हुए बच्चों को पुस्तकालय समन्वयक, स्वच्छता समन्वयक एवं कार्यक्रम समन्वयक बनाया गया है जो प्रभारी शिक्षक के मदद से अपना कार्य सकुशल संपन्न करते हैं।

  • समय-समय पर योग एवं ध्यान सिखाया जाता है और इसके नियमित अभ्यास हेतु बच्चों को प्रेरित किया जाता है।

  • लक्ष्य केंद्रित अध्ययन हेतु साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए डायरी लिखना। इसमे बच्चों को मन की बात लिखने हेतु प्रेरित किया जाता है ताकि उनकी छिपी हुई समस्याओं एवं उनके सुझाव पर गौर किया जा सके। डायरी का साप्ताहिक जाँच भी होता है।

  • विभिन्न समकालीन मुद्दों पर जागरूकता एवं जानकारी हेतु मासिक व्याख्यान माला का आयोजन। इसमे पूर्व निर्धारित मुद्दों पर विशेषज्ञ द्वारा व्याख्यान दिया जाता है।

  • विषयगत मासिक जाँच परीक्षा का आयोजन।

  • समय समय पर विशेष G--20 के बच्चों के माता- पिता से मिलकर उनके घर में किये जाने वाले अध्ययन एवं व्यवहार का मूल्यांकन कर त्वरित सुधार करना।

  • स्काउट एवं गाइड की एक-एक unit का संचालन।

  • बच्चों के मासिक पत्रिका एवं नियमित अखबार की व्यवस्था।

  • समय समय पर बच्चों के बीच प्रतियोगिता कराकर उत्कृष्ट बच्चों को पुरस्कृत करना

  • प्रत्येक महीने एक ऐसे विद्यार्थी का चयन कर पुरस्कृत करना जो उस महीने अच्छा

इसके अलावा बच्चों के सृजनात्मकता के विकास के लिए मन की बात लिखना, कला प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, शैक्षणिक भ्रमण, सामूहिक परिचर्चा समय समय पर तरु मित्र के संकल्पना पर वृक्षारोपण एवं सफाई अभियान भी चलाया जाता है।

कार्य -अध्ययन,व्यवहार, वाक व्यवहार एवं जिम्मेदारी-- किया हो।


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